एक बूटा बेटी के नाम योजना हिमाचल प्रदेश 2020 (‘Ek Buta Beti ke Naam’ Yojana Himachal Pradesh in Hindi) [बच्ची के पैदा होने पर 5 पौधे परिवार को दिए जायेंगें]
हिमाचल प्रदेश जिसे देवभूमि भी कहा जाता है, यहाँ दूर – दूर से लोग यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती को देखने आते हैं. यह खूबसूरती एवं हरियाली बनी रहे, इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार एक योजना ले कर आ रही है, जिसका नाम है ‘एक बूटा बेटी के नाम’ योजना. इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 20 सितंबर के बाद पैदा हुई एवं आने वाले समय में पैदा होने वाली सभी बेटियों के परिवार वालों को 5 – 5 पौधे दिए जायेंगे. इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य क्या है एवं इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस लेख को पढ़िये.
लांच की जानकारी
पूरा नाम | एक बूटा बेटी के नाम योजना |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
लांच की तारीख | दिसंबर, 2019 |
लांच की गई | मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी द्वारा |
समारोह | पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 95 वीं जन्म तिथि के उपलक्ष्य में |
लाभार्थी | नवजात बालिका का परिवार |
संबंधित विभाग | हिमाचल प्रदेश का वन विभाग |
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एक बूटा बेटी के नाम योजना की विशेषताएं
- योजना का उद्देश्य :- इस योजना का उद्देश्य हैं राज्य को हरा – भरा रखना, एवं बेटियों को सम्मान देना, ताकि राज्य में जो प्रकृति का सौन्दर्य हैं वह ऐसे ही बना रहे और वह भी बेटियों के नाम से.
- योजना के लाभार्थी :- इस योजना में लाभार्थी वे परिवार होंगे जोकि हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं, और जिनके यहाँ 20 सितंबर के बाद बेटी पैदा हुई हैं या आने वाले समय में होंगी.
- दी जाने वाली सुविधा :- इस योजना में नवजात बालिकाओं के परिवार वालों को राज्य सरकार के वन विभाग की ओर से 5 – 5 पौधे प्रदान किये जायेंगे.
- किट की सुविधा :- इस योजना में लाभार्थी परिवार को पौधों के आलावा एक किट भी प्रदान की जाएगी. इस किट में 5 ट्री गार्ड, 20 किलोग्राम वर्मी – कम्पोस्ट, टेम्पलेट एवं बालिका के नाम की नेम प्लेट आदि चीजें होगी.
- किट की कीमत :- इस योजना में दी जाने वाली एक किट एवं पौधे की कुल कीमत 1775 रूपये होगी, जिसका खर्च पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा उठाया जायेगा.
- बेटियों को सम्मान :- इस योजना में बेटियों को सम्मान इस प्रकार दिया जायेगा कि जो पौधे नवजात बालिका के परिवार वाले लगायेंगे, उन पौधों में उनकी बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगी हुई होगी.
- नवजात बालिका की माताओं के लिए :- इस योजना में सरकार द्वारा नवजात बालिकाओं की माताओं को भी 5 देवदार के पौधे भेंट किये जायेंगे.
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एक बूटा बेटी के नाम योजना को लागू करने की प्रक्रिया
एक बूटा बेटी के नाम योजना को निम्न प्रक्रिया के माध्यम से लागू किया जायेगा-
- इस योजना में वन विभाग के अधिकारियों को सबसे पहले यह कार्य दिया जायेगा कि वे अपने संबंधित क्षेत्र की पंचायत या नगर निकाय कार्यालय के क्षेत्र में पैदा होने वाली बेटियों की जानकारी इकठ्ठा करे. और इसकी एक सूची तैयार करें जोकि फारेस्ट रेंज के स्तर पर तैयार की जाएगी.
- उस सूची के अनुसार लाभार्थी परिवार को पौधे वितरित किये जायेंगे. हालांकि वन विभाग के पास इस चीज का पूरा ब्यौरा रहेगा कि लाभार्थी परिवार को पौधे दिए गए हैं या नहीं, उन्होंने पौधे लगाये हैं या नहीं और पौधे किस स्थान पर लगाये गए हैं.
- इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार पौधे बरसात या सर्दी के समय में लगायेंगे, क्योंकि पौधे लगाने के लिए यह समय बहुत बेहतर होता हैं.
- लाभार्थी परिवार वालों को वन विभाग की ओर से जब पौधे दिए जायेंगे, उन्हें वन विभाग के अधिकारीयों के सामने ही पौधों का रोपण भी करना होगा. यदि ऐसा होता है कि 1 – 2 साल के अंदर पौधा सूख जाता है या खराब हो जाता है, तो उसके स्थान पर परिवार वालों को दूसरा पौधा उपलब्ध कराया जायेगा.
- लाभार्थी परिवार को दिए जाने वाले पौधे लाभार्थी हिमाचल प्रदेश में ही अपनी जमीन पर, सरकारी वन की जमीन पर या स्मृति वाटिका में लगा सकते हैं. और जहाँ पौधे लगाये जायेंगे उस जगह का निरिक्षण संबंधित अधिकारीयों द्वारा समय – समय पर किया जाता रहेगा.
इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार पर्यावरण को बढ़ावा दे रही है, ताकि राज्य में हरियाली बनी रहे. और इससे जन जीवन भी सुरक्षित रहे. उम्मीद हैं इस योजना से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें और पर्यावरण को संरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाएं.
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